यह जो हिज्र में… यह जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं, कभी सबा को कभी नामबर को देखते हैं, वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है, कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं। Spread the love